Sidhu may get a big Responsibility: सिद्धू को कांग्रेस में मिल सकती हे बड़ी जिम्मेदारी प्रियंका गांधी ने चिट्ठी भेजी
Sidhu may get a big Responsibility
चंडीगढ़। Sidhu may get a big Responsibility: रोड रेज के 34 साल पुराने मामले में एक साल कैद की सजा काट रहे पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू(Former cricketer and Congress leader Navjot Singh Sidhu) को पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने चिट्ठी भेजी है। ऐसे में माना जा रहा है कि एक साल की सजा पूरी होने के बाद सिद्धू को कांग्रेस हाईकमान(Congress high command to Sidhu) कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकता है। पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू(Former Chief Navjot Singh Sidhu) इस समय पटियाला जेल में बंद हैं। प्रियंका ने उन्हें यह चिट्ठी जेल में ही भेजी।
चिट्ठी में क्या लिखा गया है, इसका खुलासा तो अभी सिद्धू ने नहीं किया है लेकिन प्रियंका गांधी की ओर से उन्हें चिट्ठी भेजे जाने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भी सिद्धू गांधी परिवार की 'गुड बुक' में हैं।
सिद्धू मई-2022 में जेल गए थे और उनकी 6 महीने की सजा पूरी हो चुकी है। मई-2023 में उनकी एक साल की सजा पूरी हो जाएगी। इस लिहाज से देखा जाए तो सिद्धू 6 महीने बाद जेल से बाहर आ जाएंगे।
पंजाब में कांग्रेस की हार के समय सिद्धू ही थे अध्यक्ष
इसी साल फरवरी में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव के समय सिद्धू की पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे। हालांकि कांग्रेस उनकी जगह तत्कालीन सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को CM फेस बनाकर मैदान में उतरी। इसे लेकर सिद्धू और चन्नी के बीच मतभेद भी सामने आए थे।
पंजाब विधानसभा चुनाव में चन्नी दो सीटों से मैदान में उतरे लेकिन दोनों ही सीटों से हार गए। सिद्धू ने अमृतसर ईस्ट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा जहां वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया उनके सामने उतरे। हालांकि दोनों ही चुनाव हार गए और इस सीट से आम आदमी पार्टी की जीवनजोत कौर ने जीत दर्ज की।
पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा।
रोड रेज मामला 1988 का
नवजोत सिद्धू रोड रेज के जिस केस में एक साल कैद की सजा काट रहे हैं, वह 1988 का मामला है। इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इसी साल मई में एक साल की सजा सुनाई। सिद्धू पटियाला जेल में यही सजा काट रहे हैं।
दरअसल 27 दिसंबर 1988 की शाम सिद्धू अपने दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट में पहुंचे। उस समय सिद्धू भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य थे। मार्केट में कार पार्किंग को लेकर सिद्धू की 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से कहासुनी हो गई। बात हाथापाई तक जा पहुंची तो सिद्धू ने गुरनाम सिंह को घुटना मारकर गिरा दिया। गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, गुरनाम सिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई।
27 दिसंबर 1988 को ही सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर सिंह संधू पर पटियाला कोतवाली थाने में गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया। अदालती सुनवाई के बाद 1999 में सेशन कोर्ट ने केस को खारिज कर दिया।
वर्ष 2022 में पंजाब सरकार ने सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। उसी बीच सिद्धू राजनीति में आ गए और वह 2004 में अमृतसर लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद चुने गए। दिसंबर 2006 को हाईकोर्ट ने सिद्धू और संधू को दोषी ठहराते हुए 3-3 साल कैद की सजा सुना दी। 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। सिद्धू ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया।
हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
सिद्धू की ओर से हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सिद्धू की ओर से BJP के दिवंगत नेता अरुण जेटली ने केस लड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। उसी बीच 2007 में अमृतसर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सिद्धू फिर BJP के टिकट पर जीत गए।
1988 के मामले में सिद्धू और संधू पर दो केस हैं। पहला गैर इरादतन हत्या का और दूसरा रोड रेज का। मई 2018 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू और संधू को रोड रेज के केस में भी दोषी ठहराते हुए 3-3 साल की सजा सुनाई। मामला फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू और संधू को सभी आरोपों से बरी कर दिया था। हालांकि कोर्ट ने रोड रेज मामले में सिद्धू पर 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। इसी फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मई 2022 में सिद्धू को एक साल की सजा सुना दी।
यह पढ़ें: